Naina Devi : Bilaspur H.P.
माँ नैना देवी मंदिर हिमचल प्रदेश (himachal Pradesh) के बिलासपुर जिला (distt. bilaspur) में शिवालिक पर्वत श्रृंखला (shivalik hills) में स्थित है, 51 शक्तिपीठ में एक महत्वपूर्ण देवी स्थल, जहाँ माता सती के नैन ‘आँखें’(eyes) गिरी थी. प्रवेश करते ही सामने पीपल का वृक्ष है मध्य में माँ नैना, दांई ओर माँ काली तथा बाँई ओर भगवान् गणेश जी का मंदिर है पंजाब के साथ लगती सीमा के कारण यहाँ सबसे अधिक श्रद्धालु पंजाब के ही होते है, इस के अलावा आस-पास के काफी बड़े क्षेत्र के लोगों की मान्यता कुलदेवी के रूप में भी है. यह स्थान NH 21 से जुड़ा हुआ है, मंदिर की दुरी चंडीगढ़ से 107km है, तथा समुद्र तल से ऊंचाई 3500 फीट है. यहाँ पहुँचने का एक मात्र साधन सड़क ही है. पहले 1.5 कि. मी. पैदल चलना पड़ता था मगर अब मंदिर तक सड़क बन चुकी है, साथ ही उड़न खटोले (ropeway) की भी व्यवस्था हो गयी है
सुबह-2 धूप सीधी आँखों में पड़ रही थी जिस कारण कैमरे की ओर नज़रें नहीं जा पा रही है
सहयात्रियों की photo के बिल्कुल पीछे पहाड़ी पर माँ naina devi विराजमान है
दांई और गेहूं व् सरसों से लहलाते हुए खेत
एक photo मेरा भी साथ में pt. Hem Dutt जी
पत्नी जी (madhu) ने बताया कि उनकी भतीजी puja का विवाह यही नैना देवी में ही हुआ है और उसके पति की यहाँ दूकान है जहाँ प्रशाद इतियादी मिलता है फोन करके पता लगाया की मंदिर के साथ ही दुकान है और लड़के का नाम gagan Kanwar है हम लोग बड़ी आसानी से दूकान तक पहुँच गए एक बात बताना चाहूँगा आप में से जो भी लोग हिमाचल आये होंगे वो अवश्य जानते होंगे किसी से भी कोई पता पूछो वो आपको सही रास्ता बतायगा और अगर संभव हुआ तो खुद ठिकाने तक छोड़ भी आयेगा हमने हाथ-मुहँ धोया और प्रशाद ले कर मंदिर की सीडियाँ चढ़ कर दर्शन करने जा पहुंचे वैसे हम प्रशाद आदि ले जाने में परहेज ही करते हैं मगर हम एक मन्नत पूरी करने गए थे इस लिए जरुरी समझा और घर से माता जी की हिदायत भी थी दरअसल हमारे छोटे कुंवर की आँखों में बचपन से एलर्जी थी इसी वजह से हमारी माता श्री व् पत्नी madhu ने कभी मन्नत मांगी थी और शायद माँ नैना का चमत्कार था कि अब उसकी वह तकलीफ दूर हो चुकी थी जिसके ईलाज के लिए हमने तीन साल तक हर तरह का इलाज करवाया और PGI तक धक्के खाए
इस बार की यात्रा का माध्यम यही साहब हैं
मंदिर से दिखता हुआ भाखड़ा डैम
parking से लिया गया ropeway का चित्र
हमेशा इस बात का ध्यान रखें
bus stand कि तरफ से जाने पर 542 सीढियाँ और parking या ropeway की ओर से जाने पर 99 सीढियाँ चढ़नी पड़ती है
time table of माँ naina devi mandir
मंदिर में प्रवेश करते ही एक पीपल का वृक्ष है उसके साथ ही बाँई तरफ काली माता का मंदिर है मध्य में आदि माँ शक्ति नैना का मंदिर और दाहिने तरफ भगवान् गणेश का मंदिर है जैसे ही दर्शन करने के उपरान्त परिक्रमा करके निकले तो देखा कि पीपल के पेड़ की दांई ओर एक बहुत बड़ा हवन कुण्ड है जहाँ जहाँ पर हवन चल रहा था और बहुत से लोग उसमे आहुतियां डाल रहे थे कुछ देर रुक कर मंदिर के प्रांगण से कुछ चित्र लिए और वापिस उसी दूकान पर आ गए
मंदिर के प्रांगण से लिए गए कुछ और चित्र
"जय माँ नैना"
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