Leh- Ladakh-1 (लदाख यात्रा) Part-1
लद्दाख यात्रा से पूर्व :
अगर किसी को घुमने का थोड़ा भी शौक है, तो वह इन्सान एक बार जिन्दगी में लेह-लद्दाख जरुर घूमना चाहेगा l जिसने लद्दाख नहीं देखा उसने समझो कुछ भी नहीं देखा l हमने लदाख का सपना 2010 अमरनाथ यात्रा के दौरान देखा था l हम 2015 में भी जाने के लिए तैयार थे, मगर NGT ने रोहतांग में पर्यावरण को ले कर कुछ पाबंदियां लगाई, जिस के विरोध में स्थानीय टैक्सी वालों ने हड़ताल कर दी और निजी गाड़ियो को भी रोकना शुरू कर दिया l हमारा कार्यक्रम तय था तो हमने लद्दाख जाना निरस्त किया और जिला मंडी हि.प्र. के दौरे पर निकल पड़े थे l परन्तु लद्दाख पुरे वर्ष भर सपनो में दिखता रहा, ये तय था कि हम खुद drive करके जाएंगे l इसीलिए हमने पुरानी scorpio को बदला और नई automatic scorpio ले ली lयात्रा का दिन तय हुआ 2 सितम्बर l उससे पहले मैंने facebook पर यात्रा का प्रोग्राम पोस्ट किया और ये भी बताया कि कोई भी हमारे जाना चाहे तो आ सकता है l बस इतनी सी शर्त थी कि couple होना चाहिए और रहना खाना खुद का करना होगा l कुछ फोन आए मगर stag entry नहीं हो सकती थी l यात्रा के सारे पड़ाव और कार्यक्रम पहले ही तय कर लिए थे l कुछ जानकारों की सलाह भी ध्यान में थी l ( जिनमे जाट देवता की सलाह थी कि हर सूरत में रात होने से पहले ठिकाना खोज लें )
सोलन बिलासपुर सीमा पर नम्होल के पास ढाबा पर (Breakfast time "Namhol")
सुबह 6.00 बजे मनाली से निकलते ही (early morning 6 am at Manali )
रोहतांग ला (Rohtang Pass)
केलोंग (हि. प्र.) (Kelong H.P.)

"सरचू" हिमाचल और कश्मीर की सीमा के दोनों ओर बसा ("Sarchu" situated at border on HP and Kashmir )
कुछ यात्रा के विषय में :
लेह तक जाने के दो ही साधन है वायु मार्ग या सड़क मार्ग l हवाई जहाज दिल्ली से ही जाते हैं l चंडीगढ़ से अब उड़ान बंद हो चुकी है l सड़क मार्ग दो हैं, या तो श्रीनगर होते हुए जा सकते हैं, या मनाली होते हुए हमारे लिए एक रास्ता और भी था, किन्नौर होते हुए ग्राम्फु तक l ग्राम्फु T point है, मनाली, काजा और लेह सड़क का l एक जरुरी बात लेह-लद्दाख जम्मू-कश्मीर का हिस्सा है l वहां पर सिर्फ पोस्ट पेड फोन ही चलते हैं l लेह का STD कोड 01982 है l लेह शहर समुद्र तल से 11,500 फूट की ऊंचाई पर बसा हुआ है l दिल्ली से हर रोज लेह के लिए उड़ान उपलब्ध है l सड़क से यात्रा सिर्फ जून से सितम्बर के मध्य ही सम्भव है l हाँ जब रोहतांग टनल बन जाएगी तो बाकी दिन भी यात्रा सम्भव हो सकेगी l जिसकी सम्भावना 2017 तक है l मनाली से होकर जाने के लिए Inner Line Permit की जरूरत होती है, जो मनाली में DC office से सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक प्राप्त किया जा सकता है l उस के लिए गाड़ी की RC, Insurence, polution Certificate की छाया प्रति और एक फार्म जो वहीँ मिलता है, देना होता है l अब शायद कुछ ऑनलाइन भी हो रहा है l मानली से 475 km. और श्रीनगर से 434 km. है लेह की दुरी l
लेह-लद्दाख जम्मू-कश्मीर का एक जिला है l जिसका मुख्यालय लेह है l चीन , तिब्बत और पाकिस्तान से सटा होने के कारण इसका बहुत सामरिक महत्व है l यह हिमालय पर्वत श्रृंखला के अंतर्गत आता है l हरियाली न होने के कारण यहाँ का वतावरण हमेशा शुष्क बना रहता है l लद्दाख में छोटी बड़ी काफी झीलें हैं l pangong lake , Tsomoriri lake , और Tsokar lake यहाँ की प्रमुख और विश्व प्रसिद्ध झीलें हैं l Sangeluma River, Indus River और shyok River यहाँ की मुख्य नदियाँ है l यहाँ इतने la(Pass) (दर्रे) और Gompa (मठ) हैं कि इसे दर्रों और मठों का हिमालय भी कह सकते हैं l यहाँ की अधिकांश आबादी बौध है, और बाकि मुसलमान l हर पर्यटन स्थल की तरह यहाँ भी अधिकतर दुकानदार मुसलमान ही हैं जो गर्मियों में पहाड़ों पर और सर्दियों में मैदानों में व्यापार करते हैं l बारालाचा ला ( Baralacha Pass )
नकीला ( Nakeela Pass )
लाचुन्गला ( Lachungla Pass )
पांग ( Pang )
हॉल ऑफ़ फेम ( Hall of Fame )
स्पितुक गोम्पा ( Spituk Gonpa )
गुरुद्वारा श्री पत्थर साहिब ( Gurudwara Sri Pathar Sahib )
मैग्नेटिक हिल ( Magnetik Hil l)
संगम ( Sangam )
शान्ति स्तूप ( Shanti Stupa )
शे पैलेस ( Shey Palace )
रेंचो स्कूल ( Rencho's School )
साउथ पुल्लू ( South Pullu )
खारदुन्गला ( Khardungla Pass )
नार्थ पुल्लू ( North Pullu )
खारदुंग गॉंव ( Village Khardong )
हुंदुर ( Nubra Velly Hundur )
डेस्किट ( Deskit )
पेंगोंग ( Pangong )
चांगला ( Changla Pass )
हेमिस ( Hemis )
हिडम्बा देवी "मनाली"( Hiddmba Devi Tample "Manali" )
घटोत्कच मंदिर "मनाली"( Ghatotkach Tample "Manali")
हणोगी माता मंदिर "मंडी" (Hanogi Mata Tample "Mandi")
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