कसौली से मनाली
लद्दाख और अंडमान-निकोबार बहुत वर्षों से दिमाग में खलबली मचाये हुए थे l आखिर लेह-लद्दाख की यात्रा का समय आ ही गया l वैसे तो लद्दाख तब से ही दिमाग में था जब हम अपनी गाड़ी से अमरनाथ यात्रा पर गये थे l पहली सितम्बर को जब हम अपने बैग तैयार कर रहे थे, तो बाहर बहुत जबरदस्त बारिश हो रही थी l पूरी रात बारिश और तेज हवा चलती रही l लग नहीं रहा था हम सुबह निकल पाएंगे l खैर इसी उहापोह में हम (मैं कँवर कुलदीप सिंह और मधु कँवर ) सुबह 6 बजे घर से निकले l हमारा आज का रूट था कसौली से भराडी घाट व् मंडी होते हुए मनाली तक l अभी 2 km. ही गये थे कि एक मुसीबत चील के एक भारी-भरकम पेड़ के रूप में सामने थी l जो सड़क के बीचों बीच लेटा हुआ आराम फरमा रहा था l एक बस और दो जीपें सामने खड़ी थी l इस तरफ हम अकेले ही थे l तभी कुछ आस-पास के लोग दरात और कुल्हाड़ी लेकर आ गए l हमने भी उनकी सहयता की और पेड़ को काट कर हटाया l छोटी गाड़ियाँ तो निकल गई बड़ी का पता नहीं क्या हुआ l मगर यही पहली और आखिरी बाधा थी l ठीक 9 बजे हम सोलन और बिलासपुर की सीमा नम्होल पर थे l यहाँ हमने एक ढाबे पर नाश्ते के लिए गाड़ी रोकी और परांठे खाए l यहाँ से हमने अपने एक पुराने मित्र मनोहर जी को फोन किया, जो मंडी में हिमफेड milk Plant में नौकरी करते हैं l उन्हें बताया कि हम 12.30 बजे तक वहां पहुँच जांएगे l (एक दिन पहले ही फोन पर बता दिया था कि हम उनसे जरुर मिलेंगे) जैसे ही ठीक 12.30 बजे हमने गाड़ी चक्कर (मंडी) में हिमफेड के गेट पर रोकी तो मनोहर गर्ग जी गेट पर इन्तजार करते मिले l खूब गर्मजोशी से हमारा स्वागत किया और अपने सरकारी आवास पर ले जाकर अपनी धर्मपत्नी और गर्मागर्म चाय से हमारा परिचय करवाया l लगभग एक घंटा हमने उनके साथ गुजारा और एक दुसरे के बारे में काफी सारी बातें की l मनोहर जी ने हमें लद्दाख के बारे में काफी सारी जानकारी भी उपलब्ध करायी l क्योंकि वह इस रूट पर यात्रा कर चुके हैं l हमे milk plant के इतिहास के बारे में भी बताया कि यह milk plant हिमाचल का पहला सयंत्र है जहाँ, सबसे पहले poly bag में दुध की पैकिंग की गईlनम्होल में ढाबा पर (breakfast time
मनोहर गर्ग जी के साथ मंडी में
हरियाली के मध्य में दो खुबसूरत घर
लगभग 1.00 बजे मनोहर जी से विदा ले हम आगे बढे l 28 km. के बाद हिमाचल का प्रसिद्ध pandoh dam है, जो ब्यास नदी पर 1977 में बन कर चालू हुआ l जहाँ पर 990 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है l dam से जो झील बनी है, बहुत ही खुबसूरत नजारा पेश करती है l मगर सुरक्षा की दृष्टि से यहाँ फोटोग्राफी प्रतिबंधित है l और न ही इसके आस-पास गाड़ी खड़ी की जा सकती है l इसके ठीक 9 km. बाद आता है, हणोगी माता का मंदिर l हमने दूर से ही दर्शन किये और माता से वादा किया कि वापिसी में जरुर मिलेंगे l यहाँ से 6-7 km. आगे जाने पर एक सुरंग है यहाँ से बाँई ओर जाने वाली सड़क कुल्लू को और दांई और वाली सड़क बंजार होते हुए आनी से शिमला को जाती है l इस tunnel को कुल्लू द्वार भी कहते हैं l यह सुरंग 2809 mtr. लम्बी है और इसके दुसरे सिरे पर औट नामक कस्बा है l
pandoh से ही ब्यास नदी और सड़क साथ-2 ही चलती है l औट से आगे वह स्थान भी देखा, जहाँ 8 जून 2014 को हैदराबाद से मनाली घुमने आये 24 लड़के-लड़कियां ब्यास नदी में हमेशा के लिए समा गये थे l इनमें से कई शव तो आज तक नहीं मिले l हालाँकि नदी के किनारे पर जगह-2 पर चेतावनी के बोर्ड लगे हैं, मगर फिर भी लोग दुस्साहस करने से बाज नहीं आते l
Pandoh Dam
जोगनी मोड़ (मंडी)
हणोगी
Treffic Tunnel
शनि मंदिर शागा (मंडी )
8 जून 2014 हादसे का चित्र (गूगल से साभार)
2.30 बजे हम कुल्लू में दाखिल हो चुके थे l अब भूख भी अपना रंग दिखा रही थी, तो हमने सब्जी मंडी के पास ही एक ढाबा देख कर गाड़ी रोकी और खाना खाया l यहाँ पर कुल्लू शाल का एक बढ़िया शोरूम भी देखने को मिला l मगर यहाँ चीजों के दाम काफी ज्यादा है l अधिक समय बर्बाद न करते हुए bye pass से मनाली का रुख किया l जब हम पुल के ऊपर से निकल रहे थे तो madhu जी ने पूछा कि मनाली में ठहरने का क्या इंतजाम है l मुझे ध्यान आया कि मनाली में हमारे मित्र karan jouli जी का भी एक होटल है l बस गाड़ी साइड में खड़ी कर झट से फोन मिलाया और बताया कि हम मनाली जा रहे हैं l क्या रुकने का इंतजाम हो सकता है l karan ने बताया बस आप सीधे सर्कट हाउस वाले रोड पे चले जाओ, मैं मेनेजर को फोन कर देता हूँ l 3.00 बजे जैसे ही हमारी गाड़ी The Baikunth Magnolia पहुंची हमारा इन्तजार हो रहा था l रिसेप्शन पर हमारा स्वागत Raj Kandara ने किया l Raj Kandara कसौली के ही रहने वाले हैं और पहले baikunth resort कसौली में ही कार्यरत थे l वह हमें देख कर बहुत खुश हुए तथा बड़ी ही गर्मजोशी से हमारा स्वागत किया l वो कहते हैं न जब परदेस में कोई अपना मिलता है, तो दिल की ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहता l हमने उन्हें बताया कि हम लेह-लदाख जा रहे हैं , बस आज की रात ही रुकेंगे, और हमें inner line permit बनवाना है l घडी देख राज ने कहा जल्दी जाइये वरना 4.00 बजे SDM office बंद हो जायेगा l हम जल्दी से बाहर आये और Three Wheelar लिया l क्योंकि शहर में गाड़ी पार्क करने की जगह नहीं बची थी l ये हम पहले ही देख चुके थे l एक किलोमीटर का 50 रु देकर SDM office पहुँच कर 5 रु का फार्म भरा, गाड़ी की RC, Insurance, D/L और Polution certificate की कॉपी ( जो हमने पहले ही साथ ले रखी थी ) office में जमा करवाई 150 रु की फीस देकर तुरंत ही हमे pass मिल गया l
अभी 4.30 ही बजे थे तो हमने सोचा चलो थोडा मनाली का बाजार ही घूम लेते हैं l जैसे ही चौक से अन्दर जाते हैं, बाँई ओर ही SDM office है l उसके साथ ही आगे एक मंदिर बना हुआ है l देवदार की लकड़ी की दीवारें खुबसूरत नक्काशी किये हुए लकड़ी के खम्बे और ऊपर कुल्लू स्लेट की छत l बिल्कुल पहाड़ी स्टाइल में बना मंदिर है l बाजार के बीचों-बीच काफी चौड़ी सड़क है l तथा बीच में बैठने के लिए पत्थर के बैंच बने हुए है l जहाँ बैठ कर बाजार की पूरी रौनक का अवलोकन कर सकते हैं l इसी के साथ यहाँ का टैक्सी स्टैंड है l और वहीँ पर toilets भी बने हुए हैं l जब हम वहां से गुजार रहे थे, तो कुछ टैक्सी वालों ने हमे घेर लिया, कि कहाँ घुमने जा रहे हैं, टैक्सी कर लें l हमने उन्हें बताया हमारे पास खुद की गाड़ी है l और हमें leh जाना है l तो वह हमे डराते हुए बोले कि साहब आगे रास्ता बहुत खराब है l आप drive नहीं कर सकोगे l खुद की गाड़ी यहीं रहने दो और टैक्सी कर लो l अब उन्हें क्या पता कि उनमे से कुछ की तो इतनी उम्र नहीं थी, जितने वर्षों से मैं drive कर रहा हूँ l खैर हमने अपना रास्ता बदला और दूसरी तरफ से घूमते फिरते दुकानों का अवलोकन करते हुए आगे बढ़ते रहे l यहाँ पर अधिकतर दुकाने कश्मीरी मुसलमानों की ही है l बेशक यह लोग यहाँ किराये पर रहते हैं l जैसे ही हल्का अँधेरा होने को हुआ तो हमने पैदल ही होटल की राह पकड़ ली l करीब 20 मिनटों में हम होटल पहुँच गये l काफी देर तक होटल स्टाफ से गप-शप की, वहीँ हमे पता चला कि कल से यहाँ सलमान खान शूटिंग करने आने वाला है l फिल्म का नाम है tubelite. यह जगह hotel baikunth magnolia के बगल वाली जगह पर ही है ,जहाँ shootting की तैयारी चल रही थी l कुछ देर हम होटल की बालकनी से देखते रहे, फिर खाने का आर्डर कर अपने कमरे में चले गये l क्योंकि हमें सुबह 5.00 बजे अगले सफ़र पर leh के लिए निकलना था l
कुल्लू शहर
Kullu (Lunch time)
Manali बाजार
SDM office (बड़ी बिल्डिंग)
फलों की एक आकर्षक दुकान
Hotel (The Baikunth Magnolia)
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