22 – 23 June 201
अमरनाथ यात्रा भाग -2 “ कसौली से मानेसर lake”
यह 10 जून 2011 की बात है, हमारे एक मित्र है, देवेन्द्र शर्मा वाह शाम के वक्त बाजार में मिल गये, बातों ही बातों में वह जिक्र कर बैठे कि 22 जून को वह शिव गौरी सिद्ध सेवा मंडल “बद्दी” के साथ बालटाल में भंडारा लगाने एक सेवादार के तौर पर जा रहे हैं l वह यह कार्य पिछले छ: वर्षों से कर रहे हैं, और इसी बहाने बाबा अमरनाथ के भी दर्शन कर लेते हैं l उन्होंने मुझ से कहा कि इस बार आप भी चलो l कल बताता हूँ, कह कर मैं घर आ गया l तथा अपनी भार्या madhu कँवर से बात की तो वह भी फौरन ही तैयार हो गई l अपने मित्र खुशिनंदन जी को फोन कर पूछा, कि भाई अमरनाथ यात्रा पर चलना है l उन्होंने भी आश्वासन दे दिया l दुसरे दिन 12 जून को हमारे बड़े राज कुंवर का जन्मदिन था l तो जन्मदिन के पूजन हेतु हमारे कुलपुरोहित पं हेम दत्त जी आये हुए थे l उन के साथ भी यात्रा का जिक्र हुआ l तो वह कहने लगे कि उनका भी काफी मन है अमरनाथ के दर्शन करने का l इस प्रकार हम छ: लोग हो गये हमने तय किया कि अपनी गाड़ी “scorpio’’ से ही जांएगे l मगर एक समस्या थी हम लोगों ने यात्रा का रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया था l इस समस्या का हल देवेन्द्र जी ने ये निकाला, कि हम सभी भंडारे वालों के साथ सेवादार बन कर जायंगे l 22 जून को पूरा जत्था बद्दी से कुच करेगा और 24 जून को बालटाल पहुँच कर भंडारे के लिए पंडाल इत्यादि का निर्माण किया जायेगा lअमरनाथ यात्रा की शुरुआत :
गर्मी की छुट्टी के बाद 20 जून को बच्चे होस्टल चले गये l और हम यात्रा की तैयारी में जुट गये l इसी दौरान मालूम हुआ 8 लोग और भी हैं, जो हमारे साथ ही अपनी दो गाड़ियों में चल रहे हैं l कहते हैं यह यात्रा भोलेनाथ के आशीर्वाद के बिना नहीं हो सकती l हमारा कोई मन नहीं था, मगर बाबा बर्फानी का बुलावा आया तो सब कुछ उसी हिसाब से होता चला गया l तय समय के अनुसार 22 जून 2011 शाम को 6 बजे हम लोग कसौली से बद्दी के लिए रवाना हो गये l एक घंटे में बद्दी में हम किसी के घर पर थे l देवेन्द्र जी ने परिचय करवाया यह काका शर्मा है, और इस सेवादल के बहुत पुराने सदस्य हैं l कसौली के हिसाब से यहाँ गर्मी बहुत ज्यादा थी l यहाँ तैयारी होते-2 रात के 11 बज गये l क्योंकि बहुत सारे सामान से लदे ट्रक और लोग भी थे, जिन्हें एक साथ यहाँ से निकलना था l इस प्रकार रात 11 बजे 6 ट्रक और 30-40 लोग बालटाल के लिए निकल पड़े l सामान से लदे ट्रक अपनी रफ़्तार से चल रहे थे, जबकि हम अपनी कारों में काफी तेज गति से जा रहे थे lसुबह 4.30 बजे हमारी तीन गाड़ियाँ लखनपुर बोर्डर पर थी l यहाँ जरुरी कागजी कार्यवाही पूरी कर हमने हाथ-मुंह धोया और चाय पीकर लगभग एक घंटा आराम किया l यहीं पर देवेन्द्र जी ने बताया कि हमारे सामान से लदे ट्रक, 25 जून शाम तक पहुंचेंगे, क्यों न तब तक हम वैष्णो देवी के दर्शन कर लें l हमें यह सुझाव पसंद आया, मगर हमारे कुछ साथी इस बात से इतेफाक नहीं रखते थे l शायद वह पहले भी वैष्णो देवी जा चुके थे l बहुत देर मगजमारी के बाद तय हुआ कि हम सीधे ही बालटाल जांयेंगे l मन तो काफी खराब हुआ मगर साथ का तगाजा था l इस प्रकार हमने साम्बा से ही अपनी गाड़ियों का रुख उधमपुर की ओर कर लिया l साम्बा से ऊपर चढ़ने पर एक बहुत सुंदर स्थान है manesar lake यहाँ पहुँचते-2 गर्मी का असर भी कम होने लगा था l बाँई और एक सुंदर झील देख कर अपनी गाड़ियाँ अन्दर की ओर मोड़ ली l अब थकान और भूख का भी असर हो रहा था l क्योंकि पूरी रात बिना रुके गाड़ी चलायी थी l और खाना पिछली रात काका शर्मा के घर पर ही खाया था l सुबह से नाश्ता भी नहीं किया था l यह झील प्राकृतिक है l और काफी विस्तृत तथा हरे-भरे वृक्षों से घिरी हुई है l इसमें मछलियाँ भी काफी मात्रा में नजर आ रही थी l जिस तरफ भी लोग झील देखने खड़े होते थे, मछलियाँ भी उसी ओर मुहँ खोले आ जाती थी l लोग इन मछलियों को बिस्कुट और कुरकुरे खिला रहे थे l जब भी कोई खाने की चीज झील में फेंकी जाती थी, तो गड़प की आवाज के साथ वह खाने की वस्तु अदृश्य हो जाती थी l झील के सामने ही एक छोटा सा शिव मंदिर है l यहाँ सबने अपना शीश नवाया l कुछ देर झील पर टहल कर थकान मिटाई, फिर नाश्ता और लंच एक साथ ही किया l अब तक 12 बज चुके थे और हम भी अगले सफ़र के लिए तैयार थे l आज की हमारी मंजिल श्रीनगर थी l
madhu और यात्रा की सहभागी
देवेन्द्र, खुशिनंदन और पं.हेम दत्त जी
मानेसर झील
खाने के लिए मुहं खोले तैयार मछलियाँ
एशिया में सबसे ऊँचाई पर बना रेलवे पुल
1. अमरनाथ यात्रा भाग - 1 “Amarnath yatra part – 1”
2. अमरनाथ यात्रा भाग - 2 “ कसौली से मानेसर lake”
3.अमरनाथ यात्रा भाग-3 “मानेसर lake से श्रीनगर”
4. अमरनाथ यात्रा भाग –4 (AmarnathYatra-4) “श्रीनगर” (Srinagar)
5. अमरनाथ यात्रा – 5 “खीर भवानी” (Kheer Bhawani)
6. अमरनाथ यात्रा भाग –6 “ कंगन; गंदरबल”
7. अमरनाथ यात्रा भाग –7 (Sonamarg) “सोनमर्ग”
8. अमरनाथ यात्रा भाग -8 (Amarnath) “ दोमेल से गुफा और वापिस”
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