23 – June 2011
अमरनाथ यात्रा भाग -3 “मानेसर lake से श्रीनगर”
मानेसर lake से उधमपुर तक छोटे-2 काफी कस्बे है l जिनमे nud, Pingar, sunel, आदि प्रमुख हैं l मुस्लिम बहुल इलाका होने के कारण यहाँ आबादी भी काफी है l udhampur काफी बड़ा व् भीड़-भरा शहर है l यहाँ भारतीय army का भी काफी बड़ा camp है l यहाँ पहुँच कर मुझे याद आया कि कभी मेरे पिता जी यहाँ MES में ठेकेदारी करते थे l आज वह इस दुनिया में नहीं है, वरना कुछ उनकी यहाँ से जुडी कुछ यादें भी शेयर हो जाती l उधमपुर से ही प्रकृति के नजारे बहुत खुबसूरत हो जाते हैं l इसके बाद आता है kud नामक क़स्बा, यहाँ रुक कर हमने चाय पी और थोडा बाज़ार का जायजा भी लिया l यहाँ पर लाल-जामुनी रंग के बड़े वाले राजमाह बड़ी संख्या में बिकने के लिए रखे थे l देवेन्द्र जी ने बताया ये कश्मीरी राजमाह बहुत स्वादिष्ट बनते हैं l और यहाँ आने वाला हर पर्यटक व् अमरनाथ यात्री इसे जरुर खरीद कर घर ले जाता है l हम भी वापसी में इसे यहाँ से खरीद कर ले जांएगे l यहाँ दूध से बनी मिठाइयाँ भी काफी बिक रही थी, और अच्छी क्वालिटी की थी l एक दुकानदार ने बताया यह शुद्ध देसी घी में बनाई जाती है l उधमपुर से यहाँ तक सड़क काफी चढाईदार है, मगर यहाँ से चढ़ाई अब कुछ अधिक हो चली थी l कुछ ही समय बाद हम देवदार और कैल के घने वृक्षों से घिरी हुई सड़क पर थे l देवेंदर जी ने बताया अब patnitop आने वाला है और उसके बाद baglihar डैम तक लगातार उतराई है l patnitop में हम रुके तो नहीं मगर नजारा अहसास करा रहा था, जैसे हम kufri, naldehra या डल्होजी में गमन कर रहे हैं l patnitop के बाद लगातार उतरते हुए एक डैम नजर आ रहा था जो नजदीक पहुँचने पर काफी शानदार दिखता है l इस डैम से बिजली का उत्पादन किया जाता है l इसे baglihar hydro electric project के नाम से जाना जाता है l यहाँ से रामसू तक चिनाब दरिया भी सड़क के साथ-2 ही चलता है l बटोट और रामबन होते हुए हम shaitani nallah, ( शैतानी नाला) jawahar tunnel के मुहाने पर थे, हमारे आगे पीछे बहुत सी गाड़ियाँ चल रही थी जिनमें से अधिकतर अमरनाथ यात्री ही थे l इस का नाम शैतानी नाला क्यों है, इस बारे में हमने पता नहीं किया l यहाँ army और पुलिस की मिलीजुली पोस्ट थी, यहाँ एक बार सभी गाड़ियों की जाँच-पड़ताल की गई l उसके बाद हमें इस निर्देश के साथ जाने दिया गया कि हम सुरंग के बीच में कहीं गाड़ी नहीं रोकेंगे और हेडलाइट जला कर गाड़ी चलाएगे l यह सुरंग 2850 मीटर लम्बी doublelane, साफ-सुथरी और बिजली से सुसजित है l इसका नाम भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु के नाम पर रखा गया है l इस tunnel का उद्घाटन 22 दिसम्बर 1956 को हुआ था l काफी देर चलने के बाद ऑंखें अँधेरे की अभ्यस्त हुई l करीब 7-8 मिनट चलने के बाद अचानक एक दम चकाचौंध करने वाली रौशनी से सामना हुआ, तब अहसास हुआ अभी दिन है l जैसे ही सुरंग के उस पार पहुंचे तो कश्मीर घाटी का नजारा ही अद्भुत था l इसे देखते हि वह शब्द जहन में कौंध गये, “दुनिया में अगर कहीं जन्नत है तो वह यही है यही है” हमने यहीं एक बड़े कैंची मोड़ पर Palio नामक जगह पर गाड़ी रोक कर कश्मीर घाटी के सोंदर्य का लुत्फ़ लिया l शायद शाम के 3 या 4 बजे थे, जब हम यहाँ से आगे के सफ़र पर निकले l तब तक हमारे साथ वाली गाड़ियाँ भी आ गई थी l यहाँ मैं बता दूँ कि मैं गाड़ी थोडा तेज चलाता हूँ, इस कारण हम बाकि लोगों से काफी आगे निकल जाते थे, और कहीं भी सुंदर जगह देख कर उस जगह की फोटो और प्रकृति का आनन्द ले लेते थे l फिर हमारे साथी हम तक पहुँचते, हम फिर साथ चलते और मैं आगे निकल जाता l यह सिलसिला शुरू से ही चल रहा था l Polia से qazikund तक सड़क उतराई वाली है l अब qazikund में एक बार फिर हमारी गाड़ी रोकी गई l घाटी में प्रवेश करने के लिए यहाँ कुछ शुल्क अदा करना पड़ता है, कितना अब याद नहीं है l अब यहाँ से आगे सड़क के दोनों और आबादी शुरू हो गई थी l साथ ही सड़क के दोनों तरफ धान के सुंदर खेत भी मन मोह रहे थे l एक बार तो इन नजारों को देख कर लगता ही नहीं था, हम किसी पहाड़ी क्षेत्र से गुजार रहे हैं l जहाँ तक नजर जाती थी, धान से लहलाते खेत ऐसे दीखते थे जैसे हरे रंग का कारपेट बिछा होजवाहर सुरंग का चित्र : गूगल फोटो से साभार
palio जवाहर सुरंग के उस पार : हम सब
कुछ रोमांस भी जरूरी है
कश्मीर में कदम रखते ही पहला दृश्य जो मन मोह लेता है
आखिर श्रीनगर पहुँच ही गये
जय अमरनाथ बाबा
श्रीनगर की कहानी अगली पोस्ट में1. अमरनाथ यात्रा भाग - 1 “Amarnath yatra part – 1”
2. अमरनाथ यात्रा भाग - 2 “ कसौली से मानेसर lake”
3.अमरनाथ यात्रा भाग-3 “मानेसर lake से श्रीनगर”
4. अमरनाथ यात्रा भाग –4 (AmarnathYatra-4) “श्रीनगर” (Srinagar)
5. अमरनाथ यात्रा – 5 “खीर भवानी” (Kheer Bhawani)
6. अमरनाथ यात्रा भाग –6 “ कंगन; गंदरबल”
7. अमरनाथ यात्रा भाग –7 (Sonamarg) “सोनमर्ग”
8. अमरनाथ यात्रा भाग -8 (Amarnath) “ दोमेल से गुफा और वापिस”
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