24 – June 2011
अमरनाथ यात्रा भाग – 6 “ कंगन; गंदरबल”
जम्मू- कश्मीर का एक जिला है, गंदरबल l इसी गंदरबल जिला में एक तहसील मुख्यालय है, कंगन l यह कस्बा श्रीनगर लेह मार्ग पर श्रीनगर से 37 km. की दुरी पर 5940 फूट की ऊँचाई पर स्थित है l कंगन को english में bangle और हिंदी में चुड़ा भी कहते हैं l कंगन असल में रत्नों से जड़ी गई चूड़ी होती है, जो देखने में अधिक खुबसूरत होती है l यह कस्बा भी चारों ओर चिनार के पेड़ों और गोलाकार रूप में बनी छोटी-2 बस्तियों से सजी एक बहुत ही खुबसूरत जगह है l 50 km. दायरे में फैली तंग घाटी में बसे इस कसबे के बीचों-बीच सिन्धु नाला बहता है l वैसे यह नाम का ही नाला है, जबकि इसका प्रवाह किसी नदी से कम नहीं है l यह वह सिन्धु दरिया नहीं है, जिसे अंग्रेजी में indus river कहते है l क्योंकि indus नदी, upshi से संगम होते हुए बटालिक क्षेत्र की ओर चली जाती है l जबकि यह नदी अमरनाथ के ग्लेशियर से निकल कर बालटाल होते हुए सोनमर्ग से कंगन पहुँचती है, तथा आगे जा कर चिनाब दरिया में समा जाती है lहम लोग खीर भवानी की तंग गलियों व् सड़कों से जब बाहर निकले तो, एक बहुत ही बढ़िया और चौड़ी सड़क पर थे l यही सड़क लेह तक जाती है l हमे भी इसी पर चलते हुए chiner, kangan, gund और सोनमर्ग होते हुए बालटाल तक जाना था l सड़क इतनी बढ़िया थी कि गाड़ी 100 से ऊपर ही चल रही थी l अभी हम श्रीनगर से 20-25 km. ही बाहर आये थे, कि चिनार के पेड़ सड़क के दोनों ओर नजर आने लगे l साथ ही kangan के mile stone भी दिख रहे थे l जैसे ही हमने कंगन कस्बे में प्रवेश किया तो सामने पुलिस check post पर बंद बैरिअर ने हमारा स्वागत किया l यहाँ एक बार फिर गाड़ी की पड़ताल की गई l यह जगह श्रीनगर और गंदरबल का बॉर्डर है l हमने भी गाड़ी किनारे पर पार्क कर चाय पान किया l हमारी गाड़ी चिनार के एक बहुत बड़े पेड़ के निचे खड़ी थी, और भी बहुत से छोटे-बड़े पेड़ आस-पास थे l हमने कुछ लोगों से यहाँ के बारे में जानकारी इकठ्ठी की, तो लोगों ने बताया कि यह कस्बा कश्मीर को वैसे ही सुंदर बनाता है, जैसे कलाई को कंगन l शायद इसी कारण इसका नाम कंगन प्रचलित हुआ हो l ऐसा मेरा मानना है l अभी हम गाड़ी के पास ही खड़े थे, कि स्कुल जाने वाले बच्चे सड़क से जाते हुए नजर आए l इनमे लड़कियों की संख्या भी काफी थी, बल्कि लडकों से अधिक ही लग रही थी l यहाँ पर लड़के-लड़कियों के लिए अलग-2 स्कुल हैं l इक्का-दुक्का लड़कियों के आलावा किसी ने बुर्का नही पहना था l हाँ सिर सबके ढके हुए थे l सभी बच्चियां सफ़ेद और आसमानी रंग की वर्दी में सिर को, उसी रंग के दुपट्टे से बांधे हुए बहुत मासूम और सुंदर दिख रही थी l इन बच्चों को देख कर हम आपस में बातें कर रहे थे l कैसे कुछ अलगाववादी इन मासूम बच्चों को कुछ लालच दे कर, गुमराह कर रहे हैं l पता नहीं ये चन्द लोग कौन से मजहब को मानते हैं, जहाँ इंसानियत बहशीपन का शिकार होती है l
कुछ समय यहाँ गुजार कर जब हम चलने को हुए, तब तक बाकी की दो गाड़ियाँ भी आ चुकी थी l अब कुछ दूर तक दांई ओर बहने वाली नदी साथ नहीं थी l डेढ़ दो km. के बाद नदी फिर सड़क के साथ-2 थी l सड़क अभी तक समतल थी, मगर अब हल्की-2 चढ़ाई शुरू हो गई थी l चूँकि नदी सड़क के साथ -3 बह रही थी, तो अब नदी का पानी भी निचे की ओर आते हए शोर कर रहा था l कंगन से सोनमर्ग 45 km. दूर है l जैसे-2 हम आगे बढ़ते जाते हैं, वैसे -2 मौसम और प्रकृति की सुन्दरता बढती जाती है l कई जगह सड़क और नदी आपस में मिल जाते हैं, जहाँ भी ऐसे स्थान है, लोग वहां गाड़ी धोने लग जाते है l और कुछ तो खुद को भी धो डालते हैं l कई स्थान इतने सुंदर हैं कि गाड़ी के पहिये खुद-ब-खुद रुकने को मजबूर हो जाते हैं l हमने भी खूब आनन्द लिया, काफी सारे चित्र खींचे, खूब हंसी मजाक किया और इस खुबसूरत जगह में अपना दिन खुबसूरत करने की भरपूर कोशिश की l
अब अगले लेख में सोनमर्ग में मिलते हैं lतब तक खुबसूरत चित्र देख लेते हैं
कैमरे की पहली नज़र में कंगन
धान की लहलाती फसल
एक तरफ हरे-भरे मैदान बीच में सिंध नदी दूसरी तरफ देवदार से सजे पहाड़
सिंध नदी के किनारे कुछ रोमांटिक पल
बाकि के सहयात्री
1. अमरनाथ यात्रा भाग - 1 “Amarnath yatra part – 1”
2. अमरनाथ यात्रा भाग - 2 “ कसौली से मानेसर lake”
3.अमरनाथ यात्रा भाग-3 “मानेसर lake से श्रीनगर”
4. अमरनाथ यात्रा भाग –4 (AmarnathYatra-4) “श्रीनगर” (Srinagar)
5. अमरनाथ यात्रा – 5 “खीर भवानी” (Kheer Bhawani)
6. अमरनाथ यात्रा भाग –6 “ कंगन; गंदरबल”
7. अमरनाथ यात्रा भाग –7 (Sonamarg) “सोनमर्ग”
8. अमरनाथ यात्रा भाग -8 (Amarnath) “ दोमेल से गुफा और वापिस”
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