13 जुलाई से 16 जुलाई 2012
श्री खण्ड महादेव : परिचय तथा स्थिति:
श्रीखंड कैलाश महादेव दुनिया में स्थापित पांच कैलाश में एक हैं l श्री खण्ड महादेव हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिला में लगभग 18,500 फीट की ऊंचाई पर विराजमान है l शिमला शहर से इसकी दुरी 170 कि.मी. है l शिमला तक पहुँचने के लिए सड़क, रेल या वायु मार्ग द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है l शिमला से जाओं (Jaon) नामक कस्बे तक सड़क मार्ग द्वारा बस अथवा कार उपलब्ध है l वैसे तो शिमला से निरमंड या बागीपुल के लिए सीधी बस सेवा भी है, मगर यह समय-2 पर ही चलती है l जल्दी पहुँचने का सबसे बढ़िया तरीका ये है, कि शिमला से रामपुर बुशहर के लिए बस ली जाए l शिमला से रामपुर के लिए हर आधे घंटे में बस मिल जाती है l फिर रामपुर बुशहर से बागीपुल के लिए बहुत सी निजी व् सरकारी बसें जाती ही रहती हैं l बागीपुल से आगे बस सुविधा कम है l मगर यहाँ से निजी जीप मिल जाती है, जो शेयरिंग बेस पर चलती है l चार-पांच साल पहले तक श्रीखंड यात्रा बागीपुल से ही शुरू होती थी l जाओं वाली सड़क अभी कुछ वर्ष पहले ही बनी है, जो अभी भी छोटे वाहनों के अनुकूल नहीं है. फिर भी हर तरह के छोटे बड़े वाहन चलते ही रहते हैं l अगर आप अपनी गाड़ी से जाते हैं तो जाओं में पार्किंग की समस्या हो जाती है, सड़क के किनारे खड़ी गाड़ी को भोले नाथ के आसरे ही छोड़ना पड़ता हैश्रीखंड यात्रा कब करें :
अधिकारिक तौर पर श्रीखंड महादेव की यात्रा जुलाई महीने में ही की जाती है l हालाँकि कुछ साहसी व् स्थानीय लोग उससे पहले और बाद में भी श्रीखंड की यात्रा कर ही लेते हैं, जो मेरे मुताबिक दुस्साहस का काम है l सिंह गार्ड में यात्रियों का पंजीकरण किया जाता है l वहां पर यात्री का नाम पता व् फोन नंबर नोट किया जाता है, ताकि कुछ भी अनहोनी घटना होने पर संपर्क किया जा सके l यात्रा का प्रबंधन श्री खण्ड सेवा समिति द्वारा किया जाता है l वैसे तो श्रीखंड सेवा समिति वाले 5.00 बजे के बाद सिंह गार्ड से आगे जाने की मनाही करते हैं, उसके बावजूद भी कुछ लोग मनमानी करते है, और कई बार खुद को मुसीबत में डाल देते हैं l अगर आप पहली बार जा रहे हैं तो जोखिम न लें lश्रीखंड कैसे पहुंचे :
जाओं एक छोटा सा गाँव है जहाँ तक सड़क है, और यहाँ तक गाड़ी द्वारा पहुंचा जा सकता है l उसके बाद 35 कि. मी. पैदल. रास्ते में सिंहगार्ड, भराटी नाला, थाचडू, कालीघाटी, भीम तलाई, कुंशाघाटी, भीम द्वारी, पार्वती बाग और फिर नैन सरोवर नामक पड़ाव आते है, जहाँ बहुत से धर्मार्थ भंडारे व् लंगर के अलावा कुछ निजी टेंट भी लगे होते है l पार्वती बाग से आगे रहने खाने की सुविधा नहीं है l और नैन सरोवर के बाद 6 km. तक पानी भी नहीं है l यहाँ तक कि जीवन वायु भी बहुत कम है l यह यात्रा केवल और केवल पैदल ही करनी होती है, किसी भी तरह की पालकी या घोड़े की सुविधा नहीं है l इस लिए पार्वती बाग तक सारा सामान नेपाली मूल के लोग पीठ पर ढो कर ही ले जाते हैं l रास्ता कितना दुश्वारियों भरा है, ये तो आप चित्र में देख ही लेंगे l अंदाजा लगाने की लिए यह जान लें कि जाओं से पार्वती बाग तक गैस सिलेंडर ले जाने का किराया 4,000 रु लगता है l एक और बात पार्वती बाग़ में लाइटर काम नहीं करता, गैस जलाने के माचिस का प्रयोग ही करना पड़ता है lयह यात्रा अधिकारिक तौर पर 10 दिनों के लिए ही खुलती है l उसके पहले व् बाद में भी काफी लोग यात्रा करते है, मगर अपने जोखिम पर l सरकार की ओर से कोई जिम्मेदारी नहीं ली जाती l अगर कोई दुर्घटना हो जाए तो गोरखा लोग ऊपर से जाओं तक शव पहुँचाने का 30,000 से 50,000 रु तक चार्ज करते हैं l
श्रीखंड यात्रा बारे सुझाव :
यात्रा की तैयारी व् सलाह : गर्म कपडे, लाठी, टॉर्च, छतरी, रेनकोट, स्पोर्ट्स शूज, पानी की बोतल और कुछ जरूरी दवाई आपके बैग में जरुर होनी चाहिए l खाने का कुछ सामान जो गर्मी से खराब ना हो, भी जरुर साथ रखें l इसमें सूखे मेवे सबसे बढ़िया आप्शन है l एक बहुत जरुरी चीज ‘कपूर’ (Camphor) एक रुमाल में पोटली बना कर जेब में अवश्य रखें l जब भी सांस लेने में दिक्कत हो इसे सूंघ लें, राहत मिलेगी l बैग जितना हो सके हल्का रखें l और सबसे जरुरी, स्वस्थ व् चुस्त शारीर जो लगातार 70 कि.मी. ‘आना-जाना’ पैदल चलने का मादा रखता हो lरामपुर बुशहर
सिंह गार्ड में हमीरपुर वालों का भंडारा
भराटी नाला ; डंडी धार शुरू
थाचडू ; डंडी धार ख़त्म
भीम ताल
कुंशा घाटी
पार्वती बाग
नैन सरोवर
हमारा पूरा ग्रुप ; यहाँ से श्रीखंड 4 km. दूर है
जाओं से श्रीखंड : GT road
भीम बही
श्रीखंड कैलाश महादेव के दर्शन
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