Manimahesh Yatra – 2 “मणिमहेश यात्रा भाग-2” कसौली से हडसर


Manimahesh Yatra – 1 “मणिमहेश यात्रा भाग-2”

25-08-2013
कसौली से हडसर : जैसा कि हमने पिछले वर्ष श्रीखण्ड महादेव की यात्रा के दौरान ही फैसला कर लिया था, कि सन 2013 में मणिमहेश कैलाश के दर्शन किये जांएगे l  इसी को ध्यान में रखते हुए एक महिना पहले ही मैंने अपने कुछ साथियों को फोन लगा कर इतला कर दी l  साथ ही  ताकिद भी कर दी, कि हम 24 अगस्त को प्रस्थान करेंगे l   मैंने भी यात्रा सम्बधि खोज करनी शुरू कर दी l  कुछ अख़बारों के माध्यम से ज्ञात हुआ कि हडसर में गाड़ी पार्क करने की बड़ी समस्या है, कई-2 km. दूर तक गाड़ी खड़ी करने की जगह नहीं मिलती है l   इसे ही ध्यान में रख कर हमने अपने गाँव से एक ड्राईवर तैयार किया, जो रिश्ते में मेरा भाई ही लगता है l  पहले तो कई लोगों ने हामी भर रखी थी साथ जाने की l   मगर आखिर में बस हम चार लोग ही थे, जिन्हें मणिमहेश का पक्का बुलावा आया था l  हमारा तय प्रोग्राम 24 अगस्त को निकलने का था, मगर एक दिन पहले मेरी भार्या मधु कँवर की तबियत बिगड़ गई, उन्हें सर्दी जुकाम ने जकड़ लिया था l  मैंने अपने सहयात्री को फोन पर इतला कर दी कि हम अब एक दिन देरी से यानि 25 अगस्त को यात्रा पर निकलेंगे l
                                 25 अगस्त 2013 को हम सुबह 4 .00 बजे उठ खड़े हुए l  पिछले कई दिनों से काफी व्यस्त होने के कारण हम अपना बैग तैयार नहीं कर सके थे l   सो मैंने उठ कर अपना सामान बांधना शुरू किया और मधु जी ने तब तक रास्ते के लिए खाना बना कर पैक कर लिया l  नहा कर एक -2 कप कॉफ़ी का पिया, और ठीक 5.30 बजे अपनी माता जी और इष्ट देवता को प्रणाम कर घर से निकल गए l   साथ जा रहे ड्राईवर जोगिन्द्र को आवाज लगाई तो वह भी तैयार था l  सुबह के  6.00 बजे रास्ते में अपने सहयात्री पं हेम दत्त जी व् उनकी धर्मपत्नी को साथ लिया l   वाया कुठाढ़ होते हुए हम 7.00 बजे कुनिहार पहुँच गए l  वहीं रास्ते में पंडित जी के साढ़ू साहब (नाम अब याद नहीं है) से मुलाकात हो गई, उनका मकान रास्ते में ही पड़ता है l   सुबह-2 का वक्त था तो वह चाय पिलाने की जिद करने लगे l  हमने भी ज्यादा आनाकानी न करते हुए गाड़ी पार्क की और चाय बिस्कुट पर हाथ साफ़ कर ही दिया l  जब हमने उन्हें बताया कि हम मणिमहेश जा रहे हैं, तो बातों ही बातों में पता चला पंडित जी के साढ़ू साहब चंबा में बिजली विभाग में J E की नौकरी कर चुके हैं l   उन्होंने हमे यात्रा के विषय में कुछ टिप्स दिए l  इतनी देर में चाय के साथ-2 गपशप भी ख़त्म हो चुकी थी l  जब हम गाड़ी में बैठने लगे तो साढ़ू साहब ने बताया कि आज आप चम्बा तक ही पहुँच सकोगे, रात को ठहरने का इंतजाम कर लेना l  मैंने उन्हें बताया कि हमारा तो आज ही हडसर पहुँचने का इरादा है l  वह मुस्कुरा कर बोले यह असम्भव है l  अब उन्हें क्या पता हमारे शब्दकोश में असम्भव नाम का शब्द है ही नहीं l
                                10.00 बजे हम भराड़ी घाट से आगे जिला सोलन और बिलासपुर के बॉर्डर पर नम्होल नामक जगह पर नाश्ते के लिए रुके, वहीँ मालूम हुआ कि पंडित जी भी खाना साथ लेकर आए हैं l   अब समय और पैसा बर्बाद करने का कोई मतलब नहीं था l  ढाबे के बाथरूम का इस्तेमाल किया, और आगे की राह पकड़ ली l  वाया जुखाला होते हुए घंटे भर में हम हमीरपुर जिला के बॉर्डर पर थे l  अब भूख लग रही थी, तो एक जगह सड़क के बाँई और गाड़ी रोक कर पंडित जी द्वारा लाये गए मुली के परांठों पर हाथ साफ़ किया l  और सिर्फ 15 मिनट में ही गाड़ी पर सवार हो लिए l   अभी तक मैं ही गाड़ी ड्राइव कर रहा था और आगे भी मैं ही चलाने लगा l मुझे 12 – 15 घंटे तक गाड़ी चलाने में बड़ा मजा आता है l  कसौली- घागस- घुमारवीं- भोटा- हमीरपुर- रानीताल होते हुए हम कांगड़ा से 14 km. पहले बाथू पुल पहुंचे, तो, यहाँ सड़क के साथ -2 बाँई और रेलवे का एक सुंदर सा पुल नजर आया l   मधु जी ने चलती गाडी से ही एक दो चित्र लिया l  थोडा आगे गए तो सड़क एक सुरंग के अन्दर चली गई l  यह एक छोटी सी कच्ची सुरंग है l   इसके बाँई और एक किले जैसी आकृति नजर आती है, शायद यह कांगड़ा का किला है l   ज्वाला जी होते हुए हम मटौर पहुँच गए l  यहाँ से हमने pthankot वाला रास्ता पकड़ा, मगर पठानकोट गए नहीं l  बल्कि शाहपुर से 2 km. आगे दांई ओर वाली सड़क पर मुड़ गए l   यह एक शार्टकट है, जो सिहुंता, द्रमण, चुवाड़ी, चम्बा जोत होते हुए चम्बा निकलता है l  इस रास्ते से मैं और मधु पहले भी डलहौजी जा चुके हैं l   मगर इस बार सड़क बहुत टूटी-फूटी थी l  सिर्फ 38 km. का रास्ता तय करने में ही 1.30 घंटा लग गया l    इस वजह से थकान महसूस हो रही थी l   दिन के 3.00 बजे हम चुवाड़ी की सीमा में प्रवेश कर गए l   अब कुछ क्षुधा भी उभर आई थी, सड़क के दांई ओर एक जगह वर्षा शालिका नजर आई, वहीँ एक पानी का स्रोत भी था l  गाड़ी रोक कर खाने की तैयारी की, तो पता चला दाल तो खराब हो चुकी है l  आलू की कुछ सुखी सब्जी बची थी, उसे ही दहीं के साथ मिला कर बस पेट भरा, और जल्दी ही यात्रा शुरू कर दी l  चुवाड़ी एक खुबसूरत जगह है l  शायद यह तहसील मुख्यालय भी है l  चुवाड़ी से अब सड़क ऊपर की ओर चढ़नी शुरू हो गई थी l   खूब चढ़ाई होने के साथ-2 सड़क काफी संकरी थी l   करीब 40 मिनट की चढ़ाई के बाद अचानक गाड़ी को ब्रेक लगाना पड़ा, क्योंकि सामने सड़क पर चार- पांच लोग रास्ता रोके खड़े थे l  जैसे ही गाड़ी रुकी वह हाथ जोड़ कर विनती करने लगे ,कि हम बिना लंगर खाए आगे न जांए l  इस जगह का नाम कुट्ट था l   उन लोगों की  भावनाओं का आदर करते हुए हम टेंट में चले गए l  चूँकि खाना अभी कुछ देर पहले ही खाया था, सो हमने सिर्फ चाय और कुछ बिस्कुट लिए और भक्तजनों का धन्यवाद किया l  यहीं पर एक सुंदर सा शिव मंदिर भी बना है l  हमने भोले बाबा का आशीर्वाद लिया, और अपना सफ़र जारी रखा l  यहाँ से आगे सड़क पहाड़ के ऊपर हो जाती है l  साथ ही पर्वतों का नजारा भी मनमोहक हो जाता है l  यहाँ हल्की धुन्ध छाई हुई थी, जिस वजह से फोटो अच्छी नहीं आ रही थी l  यह ही चम्बा जोत वाला रास्ता है l  जब सड़कें नहीं हुआ करती थी तो लोग इसी दर्रे को पार कर चम्बा जाते थे l  इन्ही शार्टकट रास्तों को जोत, दर्रा या पास कहा जाता है l  जब यह सड़क ढलान पर आती है, तो काफी संकरी हो जाती है l  रनदोह नामक जगह पर एक Y पॉइंट है, यहाँ से जो सड़क बाँई ओर जाती है, वह खजियार होते हुए डलहौजी से बनीखेत में चम्बा- पठानकोट मार्ग से जुडती है l  और सीधी सड़क सीधा चम्बा जाती है l
                          5.30 बजे हम चम्बा से भरमौर वाले मार्ग पर मुड़ चुके थे l   यहाँ से हडसर की दुरी 71 km. है l चम्बा से आगे सड़क काफी अच्छी थी, धुन्ध भी नहीं थी l  सूरज की किरणे भी अब सामने से आ रही थी l   इस कारण गाड़ी की स्पीड भी ठीक-ठाक ही थी l  चम्बा शहर से बाहर निकलते ही दांई ओर चमेरा पॉवर हाउस -2 दिखाई देता है l   इसके आगे रावी नदी में पानी काफी कम हो जाता है l  अगर कहा जाए कि यह दरिया कम और स्थानीय नाला अधिक नजर आता है, तो कुछ गलत नहीं होगा l   नदी के उस पार बसे गाँव में जाने के लिए झूला पुल बने हुए हैं l  कुछ पुलों के ऊपर से तो कार इत्यादि भी चली जाती है l   करीब 7-8 km. के बाद पुल द्वारा हम नदी के दूसरी तरफ आ जाते हैं, यहीं पर बाईं और चमेरा पॉवर प्रोजेक्ट-2 का बाँध बना है l   इसी प्रकार चम्बा में रावी नदी पर शायद 5 power project लगे हुए हैं l
                                            शाम के 7.30 बजे हम उस स्थान पर पहुंचे, जहाँ “प्रथम मणिमहेश दर्शन” का बोर्ड लगा हुआ था l  यहाँ हमने कुछ देर गाड़ी रोक कर आराम किया, तो अचानक ही निचे नदी की तरफ नजर चली गई, इस जगह नदी का बहाव काफी तेज था l  बड़ी-2 चट्टानों से पानी टकरा कर भयंकर नाद पैदा कर रहा था l  यहीं पर एक बड़ी चटान पर दो आदमी मछलियों का शिकार कर रहे थे l मेरे हिसाब से यह काफी खतरनाक काम था l    चूँकि धुन्ध फिर आ चुकी थी, और अँधेरा भी शुरू हो चूका था, इस कारण हम मणिमहेश के प्रथम दर्शन नहीं कर सके l  अब कैमरे भी बैग में रख दिए गए l   भरमौर पहुँचने तक काफी अँधेरा हो चूका था, और ट्रैफिक जाम भी बहुत भयंकर नजर आ रहा था l   पुलिस वाले किसी भी गाड़ी को रुकने नहीं दे रहे थे l  अत: हम भरमौर में रुक कर भरमाणी माता के दर्शन नहीं कर पाए l   जैसा कि मैं पिछले लेख में बता चूका हूँ कि मणिमहेश के दर्शन से पहले माँ भरमाणी के दर्शनों की पम्परा है l   आशा है समय के आभाव को देखते हुए माँ भरमाणी हमे जरुर क्षमा करेगी l
                    भरमौर के बाद सड़क की हालत बहुत अच्छी नहीं है, पूरी सड़क उबड़-खाबड़ है l  फिर भी हम 8.30 बजे हडसर पहुँच ही गए l    बाजार को पार कर एक जगह गाड़ी खड़ी की, ताकि रहने व् खाने का इंतजाम किया जा सके l   बाजार में बहुत भीड़ थी, कुछ भंडारे व लंगर भी लगे हुए थे l  खाने की समस्या तो नहीं थी, हाँ रहने के लिए कई जगह टक्करें मारनी पड़ी, तब एक जगह रहने की व्यवस्था 400 रु में हुई l   अब हमने तय किया कि बैग इत्यादि गाड़ी में ही रहने देते है, तथा यात्रा का जरुरी सामान ही साथ रखा जाए, ताकि सुबह हम जल्दी निकल सकें l   एक जगह लंगर में दाल चावल खा कर गाड़ी में ही कपडे बदले l  उसके बाद जोगिन्दर गाड़ी लेकर 2 - 3 km. आगे पार्किंग में चला गया, हम कमरे पर आ गये l   यह कमरा तो नहीं था, किसी ने दुकान में ही बिस्तर लगा दिए थे, जिसमे बिजली तक न थी l  लघुशंका के लिए भी बाहर ही जाना पड़ा l  खैर रात के 11.00 बज चुके थे, हमने 4.00 बजे का अलार्म लगाया और रजाई ओढ़ कर सो गए l


                                                                बाथू पुल : काँगड़ा


                                                            काँगड़ा: शहर में प्रवेश से पहले सुरंग


                                               रास्ते में धान और मक्की के खेत


                                                       हमारा रूट: चम्बा वाया जोत


                                           हमारा यात्रा रथ, चुवाड़ी में खाना खाने के लिए रुका हुआ



                                                      कुट्ट में शिव मंदिर के पास भण्डारा


                                                           हम दोनों, चम्बा जोत पर


                                                              चमेरा पॉवर प्रोजेक्ट -2


                                             जान जोखिम में डाल कर मछली का शिकार


                                          मौसम साफ़ हो तो यहाँ से कैलाश दर्शन होते हैं


COMMENTS

BLOGGER
Name

Adinath jain Temple ( आदिनाथ जैन मंदिर ) Ayodhyapuram ( (अयोध्यापुरम ) Gujarat ( गुजरात ),1,Allopasia arretta ( बालों में कीड़ा लगना ),1,BAPS,1,Barot Mandi ( बरोट ),1,beach,1,Bhalka Tirth Veraval (भालका तीर्थ वेरावल ),1,Bharat Van (भारत वन,1,Bhimakali Tample Sarahan ( भीमाकाली मन्दिर सराहन ),1,Brijeshwari Tample Kangra ( ब्रिजेश्वरी मन्दिर कांगड़ा ),1,Chamba ( चम्बा ),5,Champaner ( चंपानेर ),1,Chamunda Tample Kangra ( चामुण्डा माता मन्दिर कांगड़ा ) Himachal Pradesh,1,Chintpuarni Tample Una ( छिन्मस्तिका माँ चिंतपूर्णी मन्दिर ),1,Chudel Mata Mandir ( चुड़ेल माता मंदिर ) Gujarat ( गुजरात ),1,Churdhar ( चूढ़धार यात्रा ),4,Dehli,2,Diu Fort ( दीव किला ) Qila ( किला ),1,Dwarka,1,Dwarkadish Temple ( द्वारकाधीश मंदिर गुजरात ),1,Gangeshwar Mahadev ( (गंगेश्वर महादेव ),1,Gir National Park Sasan ( गीर नेशनल पार्क सासन ),1,Gujarat ( गुजरात ),1,Gujarat ( गुजरात ),9,Gujarat ( गुजरात ) West India,1,Gujarat ( गुजरात )l,1,Gujarat (गुजरात ),4,Gujarat (गुजरात ) Statue of Unity ( स्टेचू ऑफ़ यूनिटी ),3,Harsiddhi Mata Sutrapada ( हरसिद्धि माता गुजरात ) Saurashtra ( सौराष्ट्रा ) West India,1,Hateshwari Tample Hatkoti ( हाटेश्वरी माता मन्दिर हाटकोटी ),1,Hateshwari Tample Kharshali (हाटेश्वरी माता मूल मन्दिर खरशाली ),1,Hatkoti,1,Himachal Pradesh,49,INS Khukri ( आईएनएस खुखरी ) Nagoa beach,1,Jammu & Kashmir,8,Janjehli,1,Janjehli ( जंजैहली "मंडी" अनछुई सुन्दरता ),1,Jawalaji Tample Kangra ( ज्वालाजी मन्दिर काँगड़ा ),1,Jyotirling ( ज्योतिर्लिंग ),1,Jyotirling ज्योतिर्लिंग ),1,Kamaksha Devi Karsog ( कामाख्या देवी मन्दिर "करसोग मंडी ),1,Kamrunag Mandir ( देव कमरुनाग ),1,Kangan- gandarbal कंगन- गंदरबल,1,Kangra,1,Karol ( करोल का टिब्बा ),3,Karsog vally (करसोग घाटी),1,Khajyar ( खजियार ),1,Kheer Bhwani ( खीर भवानी ),1,Khodiyar Mata Temple Bhavnagar (खोडियार माता मंदिर भावनगर ) West India,1,Kinner Kailash Mahadev ( किन्नर कैलाश ),5,Lake,2,Lal Qila ( लाल किला ),2,Leh-Ladakh ( लेह-लदाख ),2,Mahamaya Tample Pangna (महमाया मन्दिर पांगना करसोग ),1,Mahunag Mandir Mandi ( महुनाग मन्दिर बखारी "करसोग ),1,Mamleshwar Mahadev Karsog Mandi ( ममलेश्वर महादेव "करसोग" मंडी ),1,Manali,2,Mandi,11,Mandi( मंडी ),1,Mani Luxmi Tirth (मणि लक्ष्मी तीर्थ ),1,Manimahesh ( मणिमहेश ),5,Mount Kailash,10,MountKailash,12,Nageshwar Temple (नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मन्दिर ),1,Naina Devi Tample Bilaspur (नैना देवी मंदिर ),1,Nilkanthdham Poicha,3,North India,65,Pavagadh ( पावागढ़ ),2,Prashar Lake ( पराशर झील मंडी ),1,Qila ( किला ),2,Rajasthan,3,Reckongpeo,5,Rewalsar lake Mandi ( रिवालसर झील मंडी ),1,Rukmani Temple ( रुक्मणी मंदिर गुजरात ) Gujarat ( गुजरात ),1,Sarangpur Hanuman ( सारंगदेव हनुमान ),1,Sardar Sarover (सरदार सरोवर ),2,Saurashtra ( सौराष्ट्रा ),5,Shikari Devi Tample ( शिकारी देवी मंदिर ),1,shulpaneshwar mahadev ( शुल्पानेश्वर महादेव ) Gujarat (गुजरात ) West India,1,Solan,3,Somnath Temple ( (सोमनाथ मन्दिर ),1,sonmarg ( सोनमर्ग ),1,Sri Amarnath Yatra ( अमरनाथ यात्रा ),7,Sri Sri Amarnath Yatra ( अमरनाथ यात्रा ),1,Srikhand Mahadev ( श्रीखंड महादेव ),12,Srinagar ( श्रीनगर ),2,swaminarayan Tample (स्वामीनारायण मंदिर: पोइचा ),3,Tatapani Shimla ( ततापनी शिमला ),1,Tent City,1,Udaipur,3,Vally of Flower,1,Vintage Cars ( विंटेज कार ),3,West India,19,Wildlife Sanctuary,1,
ltr
item
दुनिया की सैर कर लो - Travel Blog Plus: Manimahesh Yatra – 2 “मणिमहेश यात्रा भाग-2” कसौली से हडसर
Manimahesh Yatra – 2 “मणिमहेश यात्रा भाग-2” कसौली से हडसर
Manimahesh Yatra – 1 “मणिमहेश यात्रा भाग-2” कसौली से हडसर
https://4.bp.blogspot.com/-9w5ihWdKlL8/WoFCkt5pmcI/AAAAAAAAC48/8VTR5v96BtEk6WddMEwL9Y-8i8tP6DLkQCLcBGAs/s640/hadsar.jpg
https://4.bp.blogspot.com/-9w5ihWdKlL8/WoFCkt5pmcI/AAAAAAAAC48/8VTR5v96BtEk6WddMEwL9Y-8i8tP6DLkQCLcBGAs/s72-c/hadsar.jpg
दुनिया की सैर कर लो - Travel Blog Plus
https://www.travelblogplus.com/2018/02/blog-post39.html
https://www.travelblogplus.com/
https://www.travelblogplus.com/
https://www.travelblogplus.com/2018/02/blog-post39.html
true
5489195000048141514
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS CONTENT IS PREMIUM Please share to unlock Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy